Gaurav Gogoi: लोकसभा सांसद व काँग्रेस के दिग्गज नेता गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ पर पाकिस्तान की ISI से कनेक्शन के आरोप लग रहे हैं। इस आरोप के लगने के बाद BJP ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा बताते हुए राहुल गांधी से जवाब मांगा है। वहीं, गोगोई ने कहा कि मेरी पत्नी पर ISI एजेंट होने का आरोप है, तो मुझे रॉ एजेंट भी कहा जा सकता है।
10 फरवरी 2025 को असम के कुछ क्षेत्रीय मीडिया पोर्टलस में खबर चली कि काँग्रेस सांसद गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) की ब्रिटिश मूल की पत्नी एलिजाबेथ कोलबोर्न पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं। इसमें 2 मुख्य दावे किए गए…
1. एलिजाबेथ साल 2010 से 2015 के बीच इस्लामाबाद में रह रही थी। एलिजाबेथ ने वहाँ उस समय एक NGO के लिए काम किया था, जो कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हुआ था।
2. एलिजाबेथ के PhD सुपरवाइजर अली तौकीर शेख जो पाकिस्तान के प्लानिंग कमीशन के सलाहकार थे। उनका संबंध उन NGO से भी रहा है, जिनकी भारत-विरोधी गतिविधियों को लेकर जांच की गई थी।
असम के सीएम हिमन्त बिस्वा शर्मा ने गौरव गोगोई के पत्नी पर लगाया आरोप
इस खबर के चलने के दो दिन बाद ही सीएम हिमन्त बिस्वा शर्मा ने अपने X पर एक पोस्ट में लिखा- ‘IFS अधिकारियों को किसी विदेशी नागरिक से शादी करने से पहले भारत सरकार की परमिशन लेनी पड़ती है। शादी होने के 6 महीने के भीतर IFS अधिकारी के पार्टनर को भारत की नागरिकता लेनी पड़ती है। दिलचस्प बात यह है कि यह नियम हमारे सांसदों पर लागू नहीं होता है। हालांकि, एक सांसद के विदेशी जीवनसाथी को 12 साल तक विदेशी नागरिकता रखने की परमिशन देना बहुत लंबा समय है।’ वे यहीं नहीं रुके। उन्होंने 13 को फिर से अपने X पर पोस्ट किया और कहा कि,
2015 में, भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त, श्री अब्दुल बासित ने, नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए पहली बार संसद सदस्य (सांसद) और उनके स्टार्टअप, पॉलिसी फॉर यूथ को आमंत्रित किया। सबसे खास बात यह थी कि, सांसद उस समय विदेश मामलों की संसदीय समिति का सदस्य नहीं थी।
गोगोई (Gaurav Gogoi) ऐसे वक्त में गए जब भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के कामकाज पर आपत्तियां जताई थीं। भारत के आधिकारिक विरोध के बावजूद गौरव 50 से 60 युवा भारतीयों को पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलवाने ले गए.
इसके तुरंत बाद, उनके स्टार्टअप ने द हिंदू में एक लेख प्रकाशित किया जिसमें सीमा सुरक्षा बल द्वारा अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से निपटने की आलोचना की गई। उनके संसदीय प्रश्नों की बारीकी से जांच करने पर संवेदनशील रक्षा मामलों पर बढ़ते उनके फोकस का पता चला, जिसमें तटरक्षक राडार प्रतिष्ठानों, भारत के हथियार कारखानों, वैमानिक रक्षा, ईरान के साथ व्यापार के लिए पारगमन मार्ग, कश्मीरी छात्रों और उनपर कथित हमलों के बारे में पूछताछ शामिल है - जो उनके हित के क्षेत्रों में एक बदलाव का प्रतीक है।
ये सारी घटनाएं उनकी शादी के बाद हुईं। उनकी पत्नी ब्रिटिश नागरिक थीं। उनके प्रोफेशनल बैकग्राउंड को देखा जाए तो वे भी कई सवाल खड़े करता है। शादी से पहले वह एक अमेरिकी सीनेटर के लिए काम कर चुकी थीं, जिनका पाकिस्तान से करीबी संबंध था।