महाकुंभ में रील वाली मॉडल पर महाविवाद, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर का कैलाशानंद पर गंभीर आरोप! 

Jan 17, 2025 - 14:40
Jan 17, 2025 - 14:45
महाकुंभ में रील वाली मॉडल पर महाविवाद, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर का कैलाशानंद पर गंभीर आरोप! 

महाकुंभ में रील वाली साध्वी पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद बड़े विवादों में घिर गए हैं। उनके ही आश्रम में रील वाली साध्वी हर्षा रह रही थी। Top सीक्रेट से बात करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।  स्वामी प्रबोधानंद ने इस वाकए को बेहद दुखद और कष्टदायी बताया है। उन्होंने कैलाशानंद के इतिहास पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


स्वामी प्रबोधानंद के मुताबिक "कैलाशानंद का इतिहास विवादों से घिरा है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ऐसा ही करते आए हैं। वे अपनी आदत से बाज आने वाले नही हैं। उनके यहां रोज रोज नई नई अप्सराएं व सुंदरियां आती हैं।" स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने ये भी कहा कि जवान महात्माओं पर आधुनिकता का असर ज्यादा है। "वहां कभी मॉडल आती हैं, कभी अप्सराएं।" उन्होंने हर्षा रिछारिया के शाही रथ पर सवार होने पर भी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि मॉडल का रथ पर सवार होना कष्टप्रद, दुखदायी। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि "उनके यहां एक महिला जाती है, दूसरी आती है। फिर तीसरी जाती है, चौथी आती है।" उनके मुताबिक "ये कैलाशानंद का सामान्य व्यवहार है।" उन्होंने निरंजनी अखाड़े को छुटकारा पाने की सलाह दी। स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने कहा कि "निरंजनी अखाड़े के लोग कैलाशानंद जी से मुक्ति क्यों नही पा लेते? कौन सा दबाव है?" 


कैलाशानंद के इतिहास के बारे में उन्होंने कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि "वे अयोध्या में रहते थे। स्त्रियों के चक्कर में भागकर हरिद्वार आए थे।" उन्होंने ये भी खुलासा किया कि "उन पर कैलासदास के नाम से वारंट है। उनकी लंबी फाइल है।" उन्होंने सवाल उठाया कि "जिस आदमी का वारंट कटा हुआ है, उस पर ध्यान क्यों नही? आखिर भारत सरकार के लोग, यूपी सरकार के लोग, आंखे क्यों बंद किए हैं?"  प्रबोधानंद स्वामी ने निरंजनी अखाड़े के लिए यहां तक कह दिया कि "मैं तो उन्हें अपनी राय दूंगा कि अखाड़े की छवि को बचाने के लिए उन्हें कैलाशानंद से मुक्ति पा लेनी चाहिए।" 


स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने स्टीव जॉब्स की पत्नी के आने पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि "कैलाशानंद इन्हीं वजहोे से चर्चा में रहते हैं। पहले कंगना रानावत की चर्चा रहती थी उनके साथ। इस बार तो कंगना रानावत नही आई।"  कैलाशानंद पर क्रोधित जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि यहां तक बोल गए कि "ये हीरोइन और मॉडल कलियुग की अप्सराएं हैं। ये सनातन की साधु परंपरा के लिए दुखदायी। इसके परिणाम भयंकर होंगे।"

दरअसल ये सारा विवाद एंकर और मॉडल हर्षा रिछारिया से शुरू हुआ जो निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद के अखाड़े में साध्वी बनी नज़र आई।  हर्षा रिछारिया के जब पुराने पोस्ट और रील वायरल होने शुरू हुए तो लोगों के होश फाख्ता हो गए। इसके बाद कैलाशानंद के पुराने इतिहास की भी चर्चा शुरू हुई जो हर्षा से होते हुए कंगना और दूसरी घटनाओं तक चली गई।


Top सीक्रेट से बात करते हुए जूना अखाड़े की श्रीमहंत कंचन गिरि ने भी कैलाशानंद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ऐसे कृत्यों को सनातन के विपरीत करार दिया। हमसे बात करते हुए साध्वी कंचन गिरि ने यहां तक कह दिया कि इस दुनिया में कोई ब्रहमचारी हो ही नही सकता और साधुओं के अखाड़े में साध्वियों का क्या काम? उनके लिए अलग से अखाड़ा हो। उन्होंने यह भी कहा कि "कैलाशानंद को ऐसे ही एक विवाद से मैने ही बचाया था।"

ये मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। हमने कैलाशानंद की प्रतिक्रिया के लिए उनके मीडिया मैनेजरों से भी बात करने की कोशिश की मगर अब तक कोई जवाब नही मिला है। इस बीच कैलाशानंद को निरंजनी अखाड़े से हटाने की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है।
 

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